• बिहार विधानसभा में कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन

    बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के 13वें दिन गुरुवार को भी विपक्ष के तेवर नरम नहीं दिखे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा

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    पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के 13वें दिन गुरुवार को भी विपक्ष के तेवर नरम नहीं दिखे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा।

    सदस्यों ने जहां प्रदेश की कानून-व्यवस्था और जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के कमीशन बढ़ाने को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया, वहीं विधानसभा के बाहर भाकपा (माले) के विधायकों ने ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर स्वास्थ्य सेवक के रूप में बहाल करने और डॉक्टर, नर्स सहित स्वास्थ्य सेवा के 40 प्रतिशत रिक्त पड़े पदों पर अविलंब बहाली करने को लेकर जमकर नारेबाजी की।

    भाकपा (माले) के विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा कि बिहार में आर्थिक सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं घोषणा की थी कि 34 प्रतिशत परिवार छह हजार से भी कम आमदनी पर जिंदा हैं। इसके बाद 400 रुपए वृद्धा पेंशन और विधवा पेंशन देना कहीं से भी जायज नहीं है। हमारी मांग है कि झारखंड की तरह वृद्धा पेंशन की राशि बढ़ाई जाए और कम से कम 3,000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।

    उन्होंने कहा कि बिहार में चिकित्सकों के पद खाली हैं। कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों का रोल प्रदेश की जनता देख चुकी है। ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर स्वास्थ्य सेवक के रूप में बहाल किया जाए।

    पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी कानून-व्यवस्था को लेकर कहा कि हत्या, चोरी, डकैती की घटनाएं हर दिन हर जिले में हो रही हैं। होली के समय दो दिनों में 22 हत्याएं हुईं। बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिहार में महाजंगलराज हो गया है। गरीबों के साथ अत्याचार हो रहा है। लेकिन, सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।

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